Ajj Da Hukamnama Sahib Sri Darbar Sahib Amritsar Sahib, Harmandir Sahib Goldentemple, Morning Mukhwak, Date:- 12-08-20, Ang. 780
Hukamnama in Hindi With Meanings
सूही महला ५ ॥ करि किरपा मेरे प्रीतम सुआमी नेत्र देखहि दरसु तेरा राम ॥ लाख जिहवा देहु मेरे पिआरे मुखु हरि आराधे मेरा राम ॥ हरि आराधे जम पंथु साधे दूखु न विआपै कोई ॥ जलि थलि महीअलि पूरन सुआमी जत देखा तत सोई ॥ भरम मोह बिकार नाठे प्रभु नेर हू ते नेरा ॥ नानक कउ प्रभ किरपा कीजै नेत्र देखहि दरसु तेरा ॥१॥ {पन्ना 780}
पद्अर्थ: प्रीतम = हे प्रीतम! देखहि = देखते रहें। जिहवा = जीभ। पिआरे = हे प्यारे! आराधे = जपता रहे। जम पंथु = यमराज का रास्ता। साधे = जीत ले। न विआपै = जोर ना डाल सके। जलि = जल में। थलि = धरती में। महीअलि = धरती की तह पर, अंतरिक्ष में, आकाश में, मही तलि। जत = जिधर। देखां = देखूँ। तत = उधर।1।
अर्थ: हे मेरे प्रीतम! हे मेरे स्वामी! मेहर कर, मेरी आँखें तेरे दर्शन करती रहें। हे मेरे प्यारे! मुझे लाख जीभें दे (मेरी जीभें तेरा नाम जपती रहें। मेहर कर) मेरा मुँह तेरा हरी-नाम जपता रहे। (मेरा मुँह) तेरा नाम जपता रहे (जिससे) यमराज वाला रास्ता जीता जा सके, और कोई भी दुख (मेरे पर अपना) जोर ना डाल सके। पानी में, धरती में, आकाश में व्यापक हे स्वामी! (मेहर कर) मैं जिधर देखूँ, उधर (मुझे) वह तेरा ही रूप दिखे।
हे भाई! (हरी-नाम जपने की बरकति से) सारे भ्रम, सारे मोह, सारे विकार नाश हो जाते हैं, परमात्मा नजदीक से नजदीक दिखाई देने लग जाता है।
हे प्रभू! नानक पर मेहर कर, (नानक की) आँखें (हर जगह) तेरा ही दर्शन करती रहें।1।
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