Ajj Da Hukamnama Sahib Sri Darbar Sahib Amritsar Sahib, Harmandir Sahib Goldentemple, Morning Mukhwak, Date:- 26-05-20, Ang. 720
Hukamnama in Hindi With Meanings
बैराड़ी महला ४ ॥ जपि मन हरि हरि नामु नित धिआइ ॥ जो इछहि सोई फलु पावहि फिरि दूखु न लागै आइ ॥१॥ रहाउ ॥ सो जपु सो तपु सा ब्रत पूजा जितु हरि सिउ प्रीति लगाइ ॥ बिनु हरि प्रीति होर प्रीति सभ झूठी इक खिन महि बिसरि सभ जाइ ॥१॥ तू बेअंतु सरब कल पूरा किछु कीमति कही न जाइ ॥ नानक सरणि तुम्हारी हरि जीउ भावै तिवै छडाइ ॥२॥६॥ {पन्ना 720}
पद्अर्थ: मन = हे मन! धिआइ = ध्यान धर के। नित = सदा। इछहि = तू चाहेगा। पावहि = तू हासिल कर लेगा। न लागै = नहीं लगेगा। आइ = आ के।1। रहाउ।
जितु = जिस (सिमरन) से। सो जपु = वह (सिमरन भी) जप है। झूठी = नाशवंत। सभ = सारी। बिसरि जाइ = भूल जाती है।1।
सरब = सारी। कल = ताकतें। हरि जीउ = हे प्रभू जी! भावै = (जैसे तुझे) अच्छा लगे। छडाइ = (औरों की प्रीति से) बचा ले।2।
अर्थ: हे (मेरे) मन! सदा प्रभू का नाम जपा कर, प्रभू का ध्यान धरा कर, (उस प्रभू के दर से) जो कुछ माँगेगा, वही प्राप्त कर लेगा। कोई दुख भी तुझे आ के नहीं लग सकेगा।1। रहाउ।
हे मन! जिस सिमरन की बरकति से परमात्मा के साथ प्रीति बनी रहती है, वह सिमरन ही जप है, वह सिमरन ही तप है, वह सिमरन ही वर्त है, वह सिमरन ही पूजा है। प्रभू-चरणों के प्यार के बिना और (जप-तप आदि का) प्यार झूठा है, एक छिन में वह प्यार भूल जाता है।1।
हे नानक! (कह–) हे प्रभू जी! तू बेअंत है, तू सारी ताकतों से भरपूर है, तेरा मूल्य नहीं डाला जा सकता। मैं (नानक) तेरी शरण आया हूँ, जैसे तुझे ठीक लगे, मुझे अपने चरणों की प्रीति के अलावा औरों की प्रीति से बचाए रखो।2।6।
Hukamnama in English With Meanings
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